Metro In Dino Review – म्यूजिक, इमोशन और रियलिटी से

Metro In Dino Review: म्यूजिक से भरी फिल्म ने दिया Bollywood को Reality Check

Metro In Dino Review इस बात को साफ करता है कि ये फिल्म बॉलीवुड के लिए सिर्फ एक नई रिलीज नहीं, बल्कि एक ज़ोरदार Reality Check है। जब से हिंदी फिल्मों ने originality को छोड़कर remakes और formula-based content की तरफ रुख किया है, तब से ऐसा cinema देखने को नहीं मिला जो दिल को छू जाए। इस फिल्म ने उसी कमी को पूरा करने की कोशिश की है। आजकल जिस म्यूजिक का नाम सुनते ही लोगों को skip बटन याद आ जाता है, वहां “Metro In Dino” ऐसा एल्बम लेकर आया है जो सुनते ही आपके अंदर कुछ हिला देता है।

Metro In Dino Review: शहरों की कहानियों में बसी जिंदगी की सच्चाई

Metro In Dino Review में कहानी की बात करें तो फिल्म मेट्रो शहरों में रहने वाले उन लोगों की कहानियों को दिखाती है जो अलग-अलग हैं, पर किसी ना किसी तरह से एक-दूसरे से जुड़ी हुई हैं। फिल्म की शुरुआत एक म्यूजिकल सीक्वेंस से होती है, जो एक poetic introduction है उन सभी characters का जो इस फिल्म की आत्मा हैं।

  1. एक महिला को अपने पति पर शक है कि वह किसी dating site पर दूसरी बीवी ढूंढ रहा है। जब वह खुद उस गेम में उतरती है, तो एक digital मगरमच्छ से टकरा जाती है।
  2. एक लड़की जिसका बॉस उसे बिना permission touch करता है, वहीं उसी ऑफिस में एक लड़का है जो सबकुछ देखता है लेकिन कुछ नहीं कहता।
  3. एक YouTuber जो लाइफ को लाइक्स और followers से measure करता है, उसके लिए प्यार और fever में फर्क करना मुश्किल है।
  4. दो सीनियर सिटीज़न जिनका college वाला प्यार 40 साल बाद दोबारा सामने आता है।
  5. एक कपल जो high school sweethearts थे, लेकिन अब एक नई खबर के बीच उनका रिश्ता झूल रहा है – एक नई life उनके equation को challenge कर रही है।

हर कहानी भले ही छोटी हो, लेकिन उसका असर लंबा रहता है।

Metro In Dino Review: म्यूजिक नहीं, पूरी फिल्म एक एल्बम है

Metro In Dino Review का सबसे पावरफुल एलीमेंट है इसका music. प्रीतम ने इस फिल्म में म्यूजिक नहीं दिया, बल्कि एक soulful emotion परोसा है। फिल्म में करीब 60% से ज़्यादा हिस्सा म्यूजिक के जरिए ही आगे बढ़ता है – और यही इसे आज के remixed music era से अलग बनाता है।

हर गाना सिर्फ खूबसूरत धुन नहीं है, बल्कि कहानी को आगे बढ़ाने का जरिया है। कुछ गानों के लिरिक्स इतने स्ट्रॉन्ग हैं कि वो फिल्मों के डायलॉग्स पर भारी पड़ते हैं। गानों को सुनते समय ऐसा लगता है कि हर emotion को म्यूजिक में तब्दील कर दिया गया है।

Metro In Dino Review: एक्टर्स की भीड़ में हर चेहरा याद रह जाता है

Metro In Dino Review इस बात की तारीफ करता है कि अनुराग बसु जैसे डायरेक्टर हर कलाकार को screen time और emotion दोनों देते हैं। लूडो की तरह ये भी एक multi-character driven story है, लेकिन कोई भी कैरेक्टर underwritten नहीं लगता।

Metro In Dino Review
  • Pankaj Tripathi – कैमरा जैसे ही इन पर रुकता है, आप हँस भी सकते हैं और रो भी। वो चलते-फिरते emotions हैं।
  • Aditya Roy Kapur – उनके अंदर एक calm vibe है जो बहुत रिफ्रेशिंग लगती है। लंबे समय बाद उन्हें एक सही फिल्म में देखना अच्छा लगा।
  • Sara Ali Khan, Ali Fazal, Konkona Sen Sharma जैसे बाकी एक्टर्स भी अपने-अपने रोल में पूरी तरह से फिट बैठते हैं।
  • Imtiaz Ali का छोटा लेकिन असरदार कैमियो एक खूबसूरत सरप्राइज़ है। और खुद अनुराग बासु भी नजर आते हैं – उनके presence से फिल्म को symbolic depth मिलती है।

Metro In Dino Review: Strong Points

⭐⭐⭐½ (3.5/5 stars)

Strong Points:

  • शानदार Music Album जो फिल्म को एक नई लाइफ देता है
  • हर गाने के lyrics relevant हैं और character journey को आगे बढ़ाते हैं
  • Interlinked stories बिना audience को confuse किए पेश की गई हैं
  • Emotional depth और social commentary subtle लेकिन मजबूत है
  • Visual storytelling और cinematography mind-blowing है

Flaws:

  • कुछ कहानियाँ थोड़ी फिल्मी लग सकती हैं, endings जल्दबाजी में निपटाई गई लगती हैं
  • फिल्म की length लंबी महसूस हो सकती है – अगर आप musical style से connect न करें
  • कुछ audience के लिए ये फिल्म slow या non-massy लग सकती है

Metro In Dino Review: Audience के लिए नहीं, Audience के अंदर के इंसान के लिए बनी फिल्म

यह फिल्म उन लोगों के लिए नहीं है जो popcorn के साथ मसाला फिल्में देखने की आदत में हैं। यह फिल्म उन इंसानों के लिए है जो दिल से सोचते हैं, महसूस करते हैं। आप भले ही इससे पूरी तरह connect न कर पाएं, लेकिन कोई ना कोई कहानी या किरदार आपको अपने अंदर का हिस्सा जरूर लगेगा।

ये फिल्म आपको questions के साथ छोड़ेगी – शायद जवाब भी दे जाए। लेकिन एक बात पक्की है, आप खाली हाथ थिएटर से नहीं निकलेंगे।

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